बापू हमारा हमसफ़र

इस दुनिया में कोई नहीं किसीका, 
सब का सफर यहां अलग कटता है |

कोई आज बिछड़ जाएगा, 
कल कोई और नया हमसे जुड़ पाएगा |

नए – पुराने रिश्ते बनते हैं हर वक्त, 
हर पल बदलती रहती है उनकी अहमियत |

लेकिन एक वो ही है जो रेहता है जुड़ कर, 
जोड़ता है हर एक रिश्ते को अपनों से बढ़कर |

बापू हमारा है और हम उसके, 
उसीने बुलाया है और वोही तय करेगा फासला |

हमे तो बस चलते रहना है मार्ग पर उसके, 
जिंदगी का हर में उसके प्रेम वर्षाव का आनंद लूटना है |

हमराही हम उसके, बना वो हमारा हमसफ़र, 
जीवन बीत रहा है नाम से उसके, कृपासिंधु में तैरकर |

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